छात्रों के स्वर्णिम भविष्य हेतु निम्न लक्ष्य निर्धारित किये गए है-
सर्वांगीण विकास-विद्यालय में छात्रों का सर्वांगीण विकास हो, जिसका तात्पर्य है-छात्रों का शारीरिक, बौद्धिक, मानसिक, चारित्रिक, नैतिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक विकास।
उत्तम परीक्षाफल-विद्यालय में उच्चकोटि की शिक्षा प्रदान करने की पूर्ण व्यवस्था की गई है। परिषदीय (बोर्ड) परीक्षाओं में शत् प्रतिशत् परीक्षाफल व विभिन्न विषयों में विशेष योग्यताएं प्राप्त करके विद्यालय के छात्र मण्डल व प्रदेश स्तर पर अपनी पहचान बनायें; ऐसा प्रयास है।
आत्म विश्वास का संचार-छात्रों में आत्म विश्वास, आत्म संयम, आत्म मंथन आदि गुणों का विकास हो।
राष्ट्रीयता की भावना-छात्रों में राष्ट्रीयता की भावना के विकास के साथ-साथ उन्हें भारतीय संस्कृति के अनुरूप व्यवहार का वातावरण उपलब्ध कराना एवं इसी के अनुरूप कार्य करना।
स्वावलम्बी व आत्मनिर्भर-छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुये शिक्षा इस प्रकार की हो कि वह आवश्यकता पड़ने पर आत्मनिर्भर व स्वावलम्बी बनकर अपना एवं परिवार का निर्वहन कर सकें।